प्रोटॉन की खोज (proton ki khoj kisne ki) अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने की थी। उन्हें प्रोटॉन के पिता के रूप में भी जाना जाता है। यह नाभिक में मौजूद एक धनात्मक आवेशित कण है। यह आवेश वहन करता है जो एक इलेक्ट्रॉन (electron) के ऋणात्मक आवेश के बिल्कुल बराबर होता है।
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एक प्रोटॉन क्या है?
प्रोटॉन एक धनावेशित कण है जिस पर +1 आवेश होता है। इसका वजन इलेक्ट्रॉन से अधिक होता है। न्यूट्रॉन के साथ मिलकर नाभिक एक परमाणु का सबसे भारी हिस्सा होता है और एक परमाणु का पूरा भार नाभिक पर टिका होता है।
नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन एक साथ रहते हैं। न्यूट्रॉन (neutron) एक आवेशहीन कण है जबकि प्रोटॉन धनात्मक आवेश धारण करता है।

रदरफोर्ड ने प्रोटॉन की खोज कैसे की?
रदरफोर्ड ने अपने प्रसिद्ध गोल्ड फ़ॉइल प्रयोग में प्रोटॉन की खोज की। उन्होंने सोचा कि प्रत्येक नाभिक में मूल कण के रूप में एक हाइड्रोजन आयन होता है और उन्होंने इसे ‘प्रोटॉन’ नाम दिया (ग्रीक शब्द प्रोटोस से लिया गया जिसका अर्थ है ‘पहला’) जिसका अर्थ है पहला।
एक परमाणु संख्या क्या है?
परमाणु क्रमांक (atomic number) एक परमाणु के नाभिक (nucleus) में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या है। उदाहरण के लिए 6C12 कार्बन का एक समस्थानिक है जिसमें 6 प्रोटॉन मौजूद हैं। यह कार्बन परमाणु का परमाणु क्रमांक है।
प्रोटॉन की खोज किसने की? गोल्डस्टीन या रदरफोर्ड (Proton Ki Khoj Kisne Ki)
प्रोटॉन की खोज रदरफोर्ड ने 1919-20 में की थी लेकिन नाभिक में एक सकारात्मक कण के विचार की कल्पना गोल्डस्टीन ने 1889 में की थी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: प्रोटॉन
प्रोटॉन की खोज किसने की?
प्रोटॉन की खोज रदरफोर्ड ने 1919-20 में अपने प्रसिद्ध सोने की पन्नी के प्रयोग में की थी।
प्रोटॉन का प्रभार कौन है?
एक प्रोटॉन का आवेश धनात्मक होता है [+1.62×10^(-19)]।
प्रोटोन का वेट कितना होता है?
एक प्रोटॉन का भार 1.67x 10^ (-27) KG है।
निष्कर्ष
अतः प्रोटॉन की खोज (proton ki khoj kisne ki thi) रदरफोर्ड ने की थी। आपको गोल्डस्टीन पर निशान नहीं लगाना चाहिए क्योंकि आपको भ्रमित करने के लिए गोल्डस्टीन का नाम हमेशा प्रश्न पत्र में रहता है। यह सभी छात्रों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है। क्या आप रदरफोर्ड के सोने की पन्नी के प्रयोग को जानते हैं? अपनी राय कमेंट सेक्शन में जरूर शेयर करें।